QUOTES ON #TERRORISM

#terrorism quotes

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15 FEB 2019 AT 6:46

दे तो देंगे सियासत वाले हर इक मौत का जवाब
क्या ही लगाएंगे बहा जो हर माँ के लहू का हिसाब

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17 FEB 2019 AT 11:05

इश्क़ गर वतन से हो तो दमदार होना चाहिए
लहू का एक - एक कतरा यहां कर्जदार होना चाहिए।

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22 JAN 2020 AT 11:22

किसी को इतना भी ना डराओ कि डरने में मज़ा आने लगे।

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1 DEC 2017 AT 0:45

SAVE FOR YOUR SAFE...
#NATURE (Destroism)

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15 SEP 2020 AT 19:55

इंसानियत से बढ़कर जहां में, कोई रूबाब नहीं होती,
किसी भी मजहब में कभी, नफरत की फ़रियाद नहीं होती;
मासूमों का कत्ल़ कर, जन्नत की तलाश करने वालो ज़रा सुनो,
वतन पे कुर्बान होने से बढ़कर कोई जिहाद नहीं होती।

🖋️🖋️🖋️ Kumar Anurag

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19 JUN 2017 AT 13:26



खूबसूरतीको अक्सर हमने भटकते हुए देखा हे| 
हां,
मेने इन चंद अल्फाज़ोमें काश्मीरको लिखा हे| 

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23 OCT 2020 AT 21:05

बंदों के गले ये जो ज़िबा करने चले हैं,
रूठे ख़ुदा को और ख़फ़ा करने चले हैं,

मज़हब के नाम पर भी गुनाह करने चले हैं,
नासूर हैं जो ख़ुद, वो दवा करने चले हैं।

आमाल नीच हों तो ख़ुदा कैसे पाएंगे,
दुनिया से, दीन से भी औ' जन्नत से जाएंगे।

ज़िल्लत नसीब में ये ख़ुदा ने ही लिखी है,
रब की नाराज़गी है, जो इनको न दिखी है।

अल्लाह ख़िला रहा, पिला रहा, जिला रहा है,
उसको भला किसी से कभी भी गिला रहा है?

ख़ूँरेज़ हों जो ख़ुद वो दीन क्या बचाएँगे,
इंसानियत मज़ीद ये नीचे गिराएँगे!

ऐसे ख़ुदा परस्त से ख़ुदा ही बचाए
दुनिया पे नफ़रतों कभी आँच न आए।

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29 OCT 2018 AT 8:49

One can never be 'faithful' to 'almighty'
by becoming 'faithfool' for 'humanity'.

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18 JUL 2017 AT 16:11


जिहाद खुद से था तेरा, 
ओरों को क्यों रुलाया?
बस इतना बता दे मुसाफिर, 
इस तरह जन्नत जाके भी तूने क्या पाया?

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15 FEB 2019 AT 13:21

Should we bask in the glories of surgical strike...
While our soldiers continue to shed their lives?

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