काल के भी काल, वो मेरे महाँकाल है..
आज वो, अतीत वो, वही त्रिकाल है..
वही मृत्यु, वही मोक्ष, वो काल के अकाल है..
भस्म से सुशोभित, जिनका कपाल है..
देख क्रोध जिनका, आता भूचाल है..
वही "नभ", वही "भू", वो अनंत, वो ही विकराल है..
वही तम, वही प्रभा, वो ही महाजाल है..
काल के भी काल, वो मेरे महाँकाल है..
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