अक्सर देखा है मैंने अब तक के जीवन में,
यदि कुछ अपने अनुरूप ना हो तो हम खुद को कोसने और खुद को अकेला करने का कोई कसर नहीं छोड़ते।
जैसे! मान लीजिए आप किसी परीक्षा में असफल हुए या कोई प्रोजेक्ट जो सही समय पर पूर्ण नहीं हो सका। तो हम अमूमन क्या करते हैं,खुद को दोषी और खुद को सजा देना शुरू।
अरे! असफल होना, फेल होना या हार जाना और आपका जीवंत होना अपनी रुचि या अपने मन का करना इनमे कोई संबंध नहीं।
तो क्या हुआ आप किसी की उम्मीदों पर नहीं उतरे यार, इसका मतलब ये तो नहीं आप खुद को अकेला करने लगोगे। आप औरों से कटना शुरू कर दोगे। आप पार्टी नहीं कर सकते, घूम नहीं सकते या अपने मन का खा नहीं सकते या आजकल तो प्रचलित है, डीपी लगा नहीं सकते।
मतलब! हर एक चीज़ को मिलाना ज़रूरी है क्या?
It's your life make it large! Live into the life. This is best way to rejuvenate, हक है आपका खुश रहना। खुद के लिए इतना तो करो।🤗
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