तू जान सके तो जान ले तेरे ही आस पास हूं मैं,
पहचान सके तो पहचान तेरे दिल में छुपा एहसास हूं मैं।
फिज़ाओं में गुलाबी सी रंगत लिए सर्दियों की धूप,
और इस बदलते मौसम का खुशनुमा एहसास हूं मैं।
समझ सके तो समझ ले सनम तेरे दिल में छुपी आस हूं मैं,
नज़र के सामने हमारे आ सके तू इतनी तेरे पास हूं मैं।
कुछ तो ख़्याल कर ढूंढ ला मुझे अंधेरों से,
एक रोशनी की किरण के बहुत ही पास हूं मैं।
औरों की छोड़ पूछ अपने दिल से ज़रा,
तेरे लिए सितमगर नहीं क्या खास हूं मैं।
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