शरद पूर्णिमा,
शीतलता ओर सत्यता का प्रतीक
काली अंधेरी रात में निकले चंद्रमा
साथ लिए तारोँ की बारात,ओर सप्तऋषि
अपनी पूरी सोलह कलाओं के साथ
बिखेरे अमृत किरणे धरा पर
चंद किरणे खेले खेल नभ में
भेजे सकारात्मक ऊर्जा धरा पर
प्रदान करें शीतलता,समृद्धि, ऐश्वर्या
धरा का भाई ,चंदा मामा कहलाये सबका
रोगी को निरोगी करे,बढ़ाये नेत्र ज्योति
मेवा,केसर,बरक डाल बनाओँ खीर
रखो छत या आंगन में खीर को
भोग लगाएं शिव शंकर लिए साथ गौरा
ऊपर से धरती पर प्रभु खेले रास लीला
भजन कीर्तन नृत्य कर रिझाये भक्तजन
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