Saket Garg 16 APR 2017 AT 2:11 तुम क्या सिखाओगे मुझे, प्यार करने का सलीक़ामैंने 'माँ' के एक हाथ से थप्पड़, दूसरे से रोटी खाई है- साकेत गर्ग - Saket Garg 12 JAN 2019 AT 21:47 पिताजी पर लिख पाऊँ, ऐसे अल्फ़ाज़ कहाँ से लाऊँमेरी जेब तो आज भी, उनके दिये सिक्कों से भरती है- साकेत गर्ग 'सागा' - Saket Garg 2 JAN 2019 AT 14:18 नहीं हुआ इल्म अब तलक कि, क्या है हासिल-ए-ज़िन्दगीबस 'माँ' मुस्कुरा जाती है, ज़िन्दगी 'ज़िन्दगी' लग जाती है- साकेत गर्ग 'सागा' - Saket Garg 27 FEB 2017 AT 2:46 धागा था कहने कोजो माँ ने कलाई पर बांधा थालायी थी मन्दिर सेमुझे बड़े नाज़ों से जो पाला थाये पतला सा लाल धागासारी बलाओं से मुझे बचाता हैबस ले लेता हूँ नाम अपनी माँ काजब भी कोई मुझे सताता है- साकेत गर्ग 'सागा' - Saket Garg 22 DEC 2016 AT 21:37 जोड़कर, घटाकरकर लो कितना भी गुणा-भागज़िन्दगी में कुछ नहीं रखाअगर होकर भी साथ नहीं हैं 'माँ-बाप'- साकेत गर्ग 'सागा' - Saket Garg 18 JUN 2017 AT 16:48 जो पिताजी के हाथों से जूते ना खाये होतेआज उनके जूतों में मेरे पाँव ना आये होते- साकेत गर्ग 'सागा' - Saket Garg 21 MAR 2018 AT 21:46 हासिल-ए-मसाफ़त कुछ इतना रहामाँ-बाप का साया सर पर सलामत रहा- साकेत गर्ग 'सागा' - Saket Garg 7 APR 2018 AT 20:58 समझ लो लाख मुझे तुम 'हारा' हुआ या कह लो मुझे तुम 'नाकारा'मैं तो आज भी अपनी माँ का 'राजा' बेटा हूँ- साकेत गर्ग 'सागा' - Saket Garg 13 JUN 2017 AT 16:51 हर कदम लँगड़ी देकर भी दुनियामुझे गिरा ना पाती हैमेरे माँ-बाप ने मुझे चलना है सिखायाशायद यही भूल जाती है- साकेत गर्ग - Saket Garg 23 FEB 2020 AT 0:26 माँ जो सुलाती है मुझे, मैं आज भी चैन से सो जाता हूँडॉक्टर ने लिखी है जो नीन्द की दवाइयाँ, उनसे कहाँ सो पाता हूँ- साकेत गर्ग 'सागा' -