इस हारी हुई जंग को फिर से खेलकर,
एक जीत तेरे नाम कर दें....
भुलकर इस दुनिया की सारी बातें,
तू खुद से ही मुलाकात कर लें....
मिटाकर अपनी तकलीफों की सारी वजह,
इन खुशियों को तेरी मोहताज बना दें....
आज फिर खुद पर विश्वास करके,
इन अंधविश्वासो से खुद को आजाद कर दें....
तू मेहनत को अपनी आदत बनाकर,
नतीजे को इस कायनात पर छोड़ दें....
इन खाली पन्नों पर तेरी कलम की स्याही से,
तू आज अपनी पहचान लिख दें....
तू बस फिर से शुरूआत कर दें....
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