••••••••••• *उड़ान* •••••••••••
रहूँ सदा धरा पर मैं,
आसमान छूती चले,
ऐसी कोई उड़ान हो,
मेरी भी पहचान हो।
परिंदगी हो ज़िन्दगी,
हौसला महान हो,
गगन मेरा आशियाँ,
इतना ही जहान हो।
उड़ता ही चलूँ सदा,
साँसों में जान हो,
चाल हो सीधीसादी,
मेरी अपनी शान हो।
सर्द गर्म बरसात हो,
आंधी या तूफ़ान हो,
भुलाये न भूले कोई,
इतनी पह चा न हो।
छल ना कपट कोई,
मेरे इर्द - गिर्द हो,
गिनती गर होकभी,
इंसानों में इंसान हो।
घर भले घौंसला,
पूँजी आसमान हो,
मतभेद न कोई हो,
सारे एकसमान हो।
टुकड़ों में पल सकूँ,
नन्ही मेरी जान हो,
छेड़े न मुझे कोई,
मेराअपना मान हो।
ऐसी कोई उड़ान हो,
मेरी भी पहचान हो।
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