खूबसूरती की मिसाल होगी,
वो मेरी वाली कमाल होगी।
सुख दु:ख हो या हो दर्द मेरा,
वो इन सब में भी समान होगी।
उर्दू के तहज़ीब से भी,
बेहतर उसकी ज़ुबान होगी।
आवाज़ उसकी इतनी 'मृदुल',
कि हर चर्चे में आम होगी।
गज़ल जो उसपे पढ़ी वो,
महफ़िलों की जान होगी।
और पूछ ना लेना कि वो,
क्या क्या सितम ढ़ायेगी,
काज़ल बिंदी चूड़ी गज़रा लगा के,
वो हर ओर बिजली गिरायेगी।
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