QUOTES ON #MRIDUL

#mridul quotes

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29 SEP 2020 AT 8:33

खूबसूरती की मिसाल होगी,
वो मेरी वाली कमाल होगी।
सुख दु:ख हो या हो दर्द मेरा,
वो इन सब में भी समान होगी।
उर्दू के तहज़ीब से भी,
बेहतर उसकी ज़ुबान होगी।
आवाज़ उसकी इतनी 'मृदुल',
कि हर चर्चे में आम होगी।
गज़ल जो उसपे पढ़ी वो,
महफ़िलों की जान होगी।
और पूछ ना लेना कि वो,
क्या क्या सितम ढ़ायेगी,
काज़ल बिंदी चूड़ी गज़रा लगा के,
वो हर ओर बिजली गिरायेगी।

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13 APR 2019 AT 22:52

ए 'मृदुल' तू बार-बार यही गलती कर बैठा।
जो पढ़ ना पाए कलम को तेरी,
तू उनसे उम्मीद लगा बैठा।

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22 NOV 2019 AT 13:24

अजीब है मेरा अकेलापन....
ना खुश हूं.. ना उदास हूं..
बस खाली हूं.. और खामोश हूं..

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21 JUN 2018 AT 15:50

Aap ho shehzade aur Aap pe hazaar Jaane kurbaan...
Aap pai marata hai hindustan aur Aap ho sabaki Jaan..
Dikhte ho bahot hi handsome rehate ho bahot cool...
Aa jaao film industry mai kardo paise wasool...

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23 AUG 2020 AT 0:17

एक मामूली सा फर्क है
स्वाभिमान और घमंड में,

स्वाभिमान जहाँ आपकी मृदुलता में
चार चाँद लगाता है,

वहीं घमण्ड मिठास थोड़ी कम कर देता है
आपके कंठ में!!

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28 MAR 2019 AT 0:43

जिसके नजरों में बसता था 'मृदुल' कभी,
कैसे बर्दाश्त करेगा अब नजरअंदाजगी उसकी।

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17 AUG 2022 AT 9:13

मैंने जो सहा वो बताऊं कैसे
अपने 'दिलों के दर्द' जताऊ कैसे
कम पड़ जाते हैं 'वर्णों की माला'
'शब्द मंजरी' खोज के लाऊ कैसे

है चेहरे पे उदासी , आंखे नम हैं
सूखे होंठ , निर्जीव सा ये तन है
हैं चुभन दिल में ,दर्द तेरे नाम का
नहीं कोई जरिया , दिखाऊ कैसे...

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12 AUG 2022 AT 15:07

अल्फाज़ मेरे
कैसे इजहार करू तुमसे
प्यार मेरे
कोइ रास्ता कोइ तरकीब
तो बता
कैसे बयां करू 'दिल-ए-अल्फाज'
मैं अपने

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25 SEP 2019 AT 19:43

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी,
हमे बिकना ही होता तो यू तन्हा ना होता...

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10 APR 2022 AT 21:31

कहीं तो कहीं पर खत्म होगी ये उदासी
मुझसे बिछड़ा मन किसी से मिलकर ठहरेगा

ये सोचकर ही मैं अब हो जाती हूं खुश
मेरी खुशियों का बादल कभी तो बरसेगा

यूं तो उम्मीदों के छूटने से बिखर गई मैं खुद से
एक उम्मीद ये भी है कभी सब कुछ संवरेगा

मिले थे हम भी कभी अंजाने में अंजान से
फिर जुदा दिल कहता है वह एक बार फिर मिलेगा

भला क्यों गुरुर होता है तुम्हें खुद पर इतना
हर एक फूल तो यहां मिट्टी जैसा ही महकेगा

तारों की बारात गैरों की खुशी नागवार है मुझे
एक दिन ये चांद खुद मेरी छत पर उतरेगा


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