QUOTES ON #MR_DARK_WRITER

#mr_dark_writer quotes

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26 JUN 2017 AT 15:34

छाँया नहीं है...

छाँया नहीं ये ,
मन में बसा,इक शहर है मेरा,
छाँया नहीं ये,
यादों से सजा,स्वप्न महल है मेरा।
ये मेरे एहसास, ये मेरे जज़्बात..
ये छाँया नहीं हैं,
ये मेरी आहें, मेरी आहों की करामात...
ये छाँया नहीं हैं,
तू भी कभी मेरे साथ थी,
और मेरी छाँया नहीं थी,
पर लबों पर बची तेरे लबों की नमी,
अब छाँया ही है।
छाँया नहीं ये,
इक सुनहरा सा,हसीं ख़ाब है मेरा
छाँया नहीं ये,
साये को बनाता,दमकता आफ़ताब है मेरा।
ये मेरी सांसे, ये मेरी धड़कन..
छाँया नहीं है,
वो मेरे खेल, वो मेरा बचपन..
छाँया नहीं है,
वो चमकते दांतो की भोली हँसी,
कोई माया नहीं थी,
पर चमकते दांतो की ये काली हँसी,
अब माया ही है।
छाँया नहीं ये,
काल पर थिरकता,मेरा आज है
छाँया नहीं ये,
कालपट पर गूंजती,मेरी अनंत आवाज़ है।

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27 JUN 2017 AT 23:16

ऐसे मत जाओ मुझे छोड़कर,
बिखर जाऊंगा,
ना जाओ दिल को गोदकर,
मैं मर जाऊंगा..

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19 JUN 2017 AT 9:55

She came and sit with me,
She hugged me , she kissed me,
Then she pulled a knife and killed me,
This is the final match of her love game.

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28 FEB 2019 AT 8:40

खुश रहने के क्या ख़ूब बहाने याद आए
जब मुझे बीते इश्क़ के तराने याद आए

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2 FEB 2019 AT 8:32

मना रहा हूँ शिद्दत से मैं खुद से थोड़ा रूठ गया हूँ,
जोड़ रहा हूँ तिनका-तिनका अंदर से काफी टूट गया हूँ

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26 JUN 2017 AT 17:46

सांसे शब्दों की

शब्द नहीं अब कुछ सांसे ही ,
बचाई हैं बस तेरे लिए,
बोल नहीं कुछ बातें ही,
सुनाई थीं बस तेरे लिए,
चाँद से सजीं कुछ रातें ही,
बसाई थीं बस तेरे लिए,
मुझको हासिल करने की दौड़ में,
मैंने खुद को ,
कुछ पल भुलाया था बस तेरे लिए ही,
अब शब्द नहीं है और ,
साँसों की आग ज़ाहिर करने को,
अब बाकी है नहीं कुछ और,
खुद की कुर्बानी में खुद को माहिर करने को।

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27 JUN 2017 AT 23:35

क्यों...?
मेरी धड़कनें आज भी उसे बुलाती हैं,
जिसने मुझे यूँ भुला दिया,
उसकी यादें आज भी मुझे सताती हैं,
जिसने मुझे यूँ भुला दिया,

उसके नाम की लोरी गाकर,
मैं खुद को सुलाता हूँ,
उसके नाम की लोरी गाकर,
मैं खुद को रुलाता हूँ,

मेरी सांसें अब भी दहकती हैं,
पर तब आग ठंडी थी,
मेरी रूह अब भी सुलगती है,
पर आग अब भी ठंडी है,

बुला ले अभी भी पास अगर,
तो चला जाऊंगा मैं,
उर से चली गयी सांस अगर,
तो चला जाऊंगा मैं,

नहीं होगा ज़रिया तब मुझ तक आने का,
तो क्या कीजियेगा?
नहीं होगा ज़रिया तब फिर मुझको पाने का,
तो क्या कीजियेगा?

तेरी याद में धड़ धड़ धड़कती,
धड़कन का क्या ये सिला दिया,
पूछ रही ये धड़कन जो अब आखिरी बची,
उसने मुझे क्यों भुला दिया?

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21 JUN 2017 AT 0:02

Life without Soul

Where is my peaceful soul,
Did I lose it all?
Now I am nothing without it,
I need to find my soul, Dammit..!!
Nobody can live moment without soul,
I feel unconscious, oh I am so cold,
I don't know where to start from,
A deep crack sound, I feel inside my heart,
My ears can hear me crying,
My body is shrinking, its drying,
Still, I have a long way to go,
How it can be possible without the duo?
But somehow I managed to live without my soul,
Well that always has been my primary goal.

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6 JUN 2019 AT 15:36

मुझे मारकर अब पूछते हैं हाल मेरे,
दिन-रात भीगते रहे हैं ये गाल मेरे,
सुनकर चंद अल्फ़ाज़ मुँह मोड़ चल दिया,
शायद चुभ गए हैं उसको सवाल मेरे।

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5 FEB 2019 AT 13:23

अब समझदारी इसी में है ढपली के साथ गाया जाय
जिसके हाथ में ढपली है वैसा ही राग सुनाया जाय

अगर नहीं रटोगे उनके राग तो वो मरवा डालेंगे
चोरी-डाका-दंगे-हत्या क्या क्या करवा डालेंगे
ईमानदारी चाहे जितनी हो आप चोर कहे जाएंगे
सुबह चार बजे घर पर सीबीआई के छापे पड़ जाएंगे

सब राहों पर इनका राज कौन डगर को जाएं
अब समझदारी इसी में है हम सब ढपली के साथ गाएं

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