कैसे भुल गए तुम, मेरी यादों को.
वो गुज़रे पल, वो मीठे सपने, कैसे मिटा दिए हो..!
अब भी दिल में तेरी बातें बसी हैं,
पर मेरे चेहरे की मुस्कान, कैसे भूल गए हो..!
जब भी आती है वो यादें, आंखो में आंसू भर आते हैं.
हमारी खुशियों का साथ, कैसे छोड़ गए हो..!
क्या भूल गए हो, उस प्यार को जो हमने बांधा था.
हमारी खामोशी का इशारा, कैसे नहीं समझ रहे हो..!
कैसे भुल गए हो, तुम मेरे दिल की धड़कनों को,
हमारी अनुपस्थिति में, तुम खुद में कैसे खो गए हो..!
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