Rohit Srivastav 20 JUL 2017 AT 22:36 गुज़ार लेंगे ये ज़िन्दगी अजनबियों की तरह,जो मुझसे राबता रखने में, गर शर्म सी आती हो.. तेरे शहर की रौशनी, मेरी खिड़की पे जगमगाती हो, एक सड़क हो जो तेरे घर तक जाती हो.. - Rohit Srivastav 1 AUG 2017 AT 10:01 मिल गए किसी रोज़, एक भीड़ मे अजनबियों की तरह, नज़रें मिली तो लगा, इतने अजनबी भी नहीं. - Rohit Srivastav 22 JUL 2017 AT 14:55 Tumhari yaadein hain, jo kash dar kash jala raha hun..Kuch to dhuaan ho gaye, kuch ki rakh uda raha hun..Wo kehte hain, maile kapde me puraane daag dikhai nahi dete..Main kaalikh laga kar, tumhare daag chhupa raha hun.. - Rohit Srivastav 6 JUL 2017 AT 18:06 तुम पढ़ा हुआ एक उपन्यास बन जाओ, मैं coffee के mug का दाग कोई.. मैं तुम में ऐसे खो जाऊँ, ना नाम बचे ना निशान कोई.. - Rohit Srivastav 26 JUL 2017 AT 23:31 कुछ पुराने फिल्मी गानों में क़ैद कर रखी हैं यादें तुम्हारी.. जब भी गुनगुनाता हूँ, तुम्हारे पास चला आता हूँ.. - Rohit Srivastav 22 JUL 2017 AT 15:11 खुल कभी तो ज़िन्दगी से अपनी, हक़ीक़त से ऊपर उछल कभी, देख सपना खुली आँखों से, एक टुकड़ा आसमान का चख कभी.. - Rohit Srivastav 27 JUL 2017 AT 8:37 आओ, एक सफर लिखते हैं आज, बस रास्ते लिखेंगे, मंज़िल नहीं.. मंज़िलओं के नाम पर, सिफर लिखते हैं आज.. - Rohit Srivastav 25 APR 2019 AT 14:55 फिर आज किसी ने ज़िक्र तेरा,बातों बातों में कर दिया।यूं लगा पुराने ज़ख्म में,रसद आ गई फिर से। - Rohit Srivastav 9 JUL 2017 AT 21:20 यूँ ही चलते चलते, जब थम जाती है जिंदगी, सोचता हूँ, कोई तो कुछ बता रहा होगा.. या फिर मनमौजी है मेरी तरह वो भी, किस्मत मेरी लिख लिख कर मिटा रहा होगा.. - Rohit Srivastav 29 JUL 2017 AT 0:27 ये नींद भी अजीब चीज़ है, आँखों के कोनों में चुप-चाप राह तकते रहती है कुछ एक अफसोसों के बाद, कुछ एक आंसू आएंगे फिर कभी जा कर बारी आएगी इसकी -