क्या हुआ जो उसने मेरी तरफ नही देखा
उसकी आँखों में मैं हु ना ? उतना ही काफी है।
क्या हुआ जो वो मिलते नही हमसे
हमारे दिल मिले है ना? उतना ही काफी है।
क्या हुआ जो वो मेरा हाथ नही पकड़ती
हमारी सांसें एक दूसरें से जुडी है ना?उतना ही काफी है।
क्या हुआ जो उसके होठ मिलते नही मेरे होठो से
हमारे लफ्ज़ बिन बोले बोलते है ना ? उतना ही काफी है।
क्या हुआ जो हम बेपड़दा ना हुए एक दूसरे के सामने
हमारे बीच शर्म का पडदा है ना ? उतना ही काफी है ।
-