रास्ता नेकी का.....
चलो माना कि उस ख़ुदा ने तुम्हें, खूब दौलत और शोहरत से नवाज़ा होगा।
कदर कर उस ख़ुदा की जिसने तुझे अब तक संभाला होगा।
जो लिखा है तकदीर में, उसका इतना भी ग़ुरूर मत कर।
पकड़ ले राह नेकी का, उस ख़ुदा से ख़ुद को दूर मत कर।
मेहनत वो हुनर है, जो फ़कीर को भी रईस बना देता है।
ज़ुबां पे लफ़्ज़ हो प्यार के, तो वो ख़ुदा भी राह सजा देता है।
भूल ना जाना इन्सानियत अपनी, चंद पैसों के गु़रूर में,
बनाया तो ख़ुदा ने भी था तुझे ,अपने नेकी के उसूल में।
इतना ग़ुरूर किस बात का, कि किरदार अपनी भूल जाया करते हो।
भुलाकर मेहरबानी उस ख़ुदा की, बेईमानी पे तूल जाया करते हो।
थाम ले हाथ उस ख़ुदा का, इरादे अपने मज़बूत कर लें।
वास्ता नेकी से रख, ख़ुद को बुराईयों से दूर कर लें।
-विनीता एक्का
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