QUOTES ON #HINDIURDU

#hindiurdu quotes

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7 DEC 2019 AT 8:08

उस एक मंज़िल की तलाश में हूँ,
जहाँ से कोई कारवां शुरू होता हो...!

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10 JAN 2020 AT 7:53

हर आग को चाहिए एक हवा...
लेफ्ट से आये,
राइट से आये,
या आपके फूंक से आये...
इन हवाओं को भी पता है,
कि जला के कुछ भला ही होगा,
कुछ उससे ख़ुद को सेकेंगे...
कुछ उसमें भुट्टे पकाएंगे...
लकड़ियां लगा के उसे उकसायेंगे,
और राख होने तक,
उसके इर्द-गिर्द खेल खेलेंगे...
राख के ठंडे होने पर,
सब निकल लेंगे अपने रास्ते,
और रह जायेगी अकेली राख...
जो कहीं किसी जूठे बर्तन को,
धोने के लिए भी नहीं काम आएगी।

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8 MAR 2019 AT 23:03

कौन बदन से आगे देखे औरत को
सब की आँखें गिरवी हैं इस नगरी में

- हमीदा शाहीन

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4 APR 2019 AT 19:39

.......

संभवतः मिलने पर समाप्त हो जाए,

वियोग प्रेम को जीवित रखे है....

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14 JAN 2020 AT 19:24

किसी भी अन्य भाषा की तरह ही
होती है ख़ामोशी की भाषा
इस लिपि में
मात्र एक ही अक्षर होता है, 'मौन'
और इस एक अकेले अक्षर में
इतना सामर्थ्य होता है
कि ये दुनिया के कितने ही
बड़े से बड़े दुःख का
मौखिक संवाद कर सकता है

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3 JUL 2020 AT 14:00

सुनो...
ज़रा वक़्त निकाल कर मेरी कविताएं पढ़ लिया करो,
यूं चंद लफ़्ज़ों में सब कुछ बयान करना अब मुझे गवारा नहीं!

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20 JUL 2020 AT 12:45

अश्कों में भीग चुकी आंखों को बतला दो
इन होठों को हसी का पैग़ाम जल्द आएगा!
माना रात अमावस की है, चांद भी रूठा है,
लेकिन भरोसा रखो ये वक़्त गुज़र जाएगा!

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9 JUL 2020 AT 0:19

गलतियां करने का हक ख़ुद से मत छीन 'चेतना'
चंद अश्कों के बह जाने से आंखों का नूर कम नहीं होता!

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8 DEC 2018 AT 9:29

जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में दुःख
मदद की देह ने
निकल पड़े आंसू

जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में खुशी
मदद की देह ने
लगा लिया गले

जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में सम्मान
मदद की देह ने
छू लिए गए पैर

जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में नाराज़गी
मदद की देह ने
उठ गए हाथ

जब शब्द और देह
दोनों असमर्थ हुए
व्यक्त करने में कुछ
मदद की मृत्यु ने....

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3 DEC 2018 AT 21:18

प्रेम, सुलगती आग बरसता सावन हैं,
प्रेम, राधा है कृष्ण है वृन्दावन हैं,

प्रेम, उत्साह है उत्कण्ठा है आकर्षण है,
प्रेम, साहस है सम्मोहन है समर्पण है,

प्रेम, ह्रदय की प्यास आँखों का पानी है,
प्रेम, मीर का शेर चेखव की कहानी है,

प्रेम, ढलती शाम नदी किनारा है,
प्रेम, किसी को किसी का सहारा है,

प्रेम, सूरज है चाँद है तारे हैं
प्रेम, मौन में चीख़ती पुकारें हैं

प्रेम, विवशता है वियोग है विश्वास है
प्रेम, चातक है बादल है प्यास है

प्रेम, प्रकृति के सृजन का जतन है
प्रेम, आत्मा का आत्मा से मिलन है

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