QUOTES ON #HEADINGTOHEART

#headingtoheart quotes

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29 APR 2018 AT 12:34

When you drop down
your last thoughts ..
Thinking about the new
One's....
Burst the new light inside
Coming wild beast outside,
Side to side ,back to back
Demonstrate the piece in
You...
Paint the unfinished lines
Back to you...
Shut the mouth of others...
Move the fingers of yours ...
Try to look behind because
You have fantastic nostalgic
To see Time to Time.....

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4 SEP 2019 AT 15:06

I can't no longer delete you
From my heart,
Cause your roots are deeply rooted
In my chest.
Permanently written in my head.
I wouldn't be me, without it.
That's why,
I don't want to change a thing.

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31 AUG 2019 AT 1:46

जब आज होनी है इबादत, फिर कभी और क्यूं करें?
छोड़ना है हर बग़ावत, अब इश्क़ क्यूं न रब से करें।

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23 JAN 2019 AT 15:17

अंतर्द्वंद चल रहा हृदय में, नैनों में लालिमा छायी है,
क्रोध से व्याकुल हुये वो जैसे घोर आँधियाँ आयी हैं।।

किये समर्पित जिसे स्वयं को, रहा न कोई मोल उसी का,
ज़रा भी उन्हें हुआ न पीड़ा,पत्थर के जैसा मन है जिसका।।

कभी वो सोचे कभी वो विचरे, नही दिखे कोई पैग़ाम,
कैसे मिलेगा कोई भी रस्ता, हुआ क्रोध से सब बरबाद।।

हुआ था उनको भ्रम कि वो कोई छल नही एक प्रेम था,
आज हुआ जब हृदयाघात, सच भी इक नई सकल में था।

बुने स्वप्न जो मिलन की उनको, क्यूँ ऐसा पल दिखाया,
मरे वो पल-पल अपने भाग्य पर कहाँ से ऐसा क्षण आया।।

कहाँ मुड़े वो किधर को जाये, हर ओर उसकी छाया है,
निःशब्द वो अब हिल गए हैं, क्या ये प्रेम नही एक माया है।।

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1 JUL 2020 AT 15:04

"इश्क़ की एक शाम थी,
आसमानी रात थी।
क़ल्ब में कुछ शोर था,
वो भी क्या दौर था।"

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18 AUG 2019 AT 23:53

गर मोहब्बत है उससे,
तो इज़हार ख़त से करना,
वो इश्क़ है, तुम मायूस ना होगे।

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9 MAY 2019 AT 18:07


जो करूँ इज़हार-ए-वफ़ा, नाराज़ तो नही होगे? मेरे इश्क़ का मुझसे फिर इम्तिहां तो नही लोगे?

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14 SEP 2020 AT 1:52

"प्रेम"
सच्चा कभी मिला ही नही,
झूठा मुझसे हुआ ही नही।

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29 JUN 2020 AT 17:13

कुछ ख़्वाब तुम्हारे
बंद दरवाजों के
कोनों में लगे जाले
में लटके पड़े हैं।
कुछ यादें तुम्हारी
पुराने बक्से के
पुराने कपड़ों में
लगी सिलवटों में
मुड़ी पड़ी हैं।
कुछ ख़्वाहिशें तुम्हारी
बिस्तर पर पड़े
तकिये के गिलाफ़
में दबी पड़ी हैं।
कुछ हसरतें तुम्हारी
एक पतंग सी
उस नीम के पेड़
पर अटकी पड़ी हैं।
एक मोहब्बत भी है
जो कब से दरवाजे पर
दस्तक दे रही है
एक मेरा दिल भी है
जो अब धड़कना
भूल गया है।

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14 SEP 2019 AT 1:17

कभी तो खामोशियों को अलविदा कहो,
कब तक लफ्जों को यूं कैद करोगे।

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