QUOTES ON #GULZAR83

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18 AUG 2017 AT 11:24

मेरी सुबह की टहल में,
एक अलग सा सुकून है ।
बादलों की आस्तीन से
जब धूप झाँकती है
खेलती है सतोलिया
कुछ टूटे बिखरे टुकड़ो संग ।
मैं चल के पहुँचता हूँ
दरख्तों के आसेब में
जहाँ मेरी परछाई
मुझ से ज़्यादा खुशनुमा है ।।

(क्रमश:)

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