जनसंख्या बनाम कुपोषण, गरीबी, बेरोजगारी
वर्तमान समय में देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होती है, पर इस सब के बीच बुनियादी मुद्दों पर बातचीत जरूरी है। बेरोजगारी, गरीबी, कुपोषण जैसे मुद्दों के अंत में निष्कर्ष निकलता है कि जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी है, जो इन सबकी जड़ है। हम पूरे विश्व में गर्व से कहते हैं कि भारत युवाओं का देश है। लेकिन मौजूदा समय में बड़ी चुनौती यह है कि युवाओं की शक्ति का सही इस्तेमाल कैसे हो, इसके लिए युवाओं में कौशल का विकास किया जाना जरूरी है।
यह ध्यान रखने की जरूरत है कि चीन ने अपनी बड़ी आबादी को ही अपनी ताकत बनाया है। इसी की बदौलत चीन आज विश्व का एक बड़ा ‘उत्पादन-हब’ है। लोग चीन के पक्ष में कहते हैं कि किसी खाने वाले का मुंह एक है, लेकिन हाथ दो हैं। यानी वह खाने से दुगनी कमाई कर सकता है। भारत में इस तरह की सोच को आगे बढ़ाने के लिए, युवाओं को उत्पादकता से जोड़ना जरूरी है। एक अनुमान के मुताबिक 2026 तक भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। इतनी बड़ी आबादी के लिए ज्यादा उत्पादकता भी जरूरी है, ताकि उसका भरण-पोषण हो सके।
हमारे पास रोजगार और व्यवसाय पर निवेश सीमित है। उसका विभाजन बड़ी आबादी में होगा तो समस्या बढ़ेगी और इसका असर नौकरी के अवसरों पर भी पड़ेगा। रोजगार के अवसर भी कम होंगे। यह हमारी और सरकार की जिम्मेदारी बनती है।
Sushil Kumar Verma
Maharajganj,gkp
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