आत्मा से जुड़ने वाले लोग ,
बड़े ही रहस्यमय होते है।
ज़िन्दगी की दहलीज़ पर अचानक ही पहुंच जाते हैं,
फिर भी न जाने क्यों अपना सा लगते हैं।
वह हमारे प्याले में इस कदर घुल जाते हैं ..कि
जिस बात का जिक्र हम अपने परछाई से नहीं करते,
वह बात उनके साथ आसानी से कर लेते हैं।
जब हम भीड़ में मुस्कुराके ग़म छुपाते हैं,
तो वह कहते हैं कि....
"यह झूठी मुस्कुराहट हटा और दुःख का कारण बता।"
वह लोग एसे कैसे होते हैं ?
जैसे लगता है कि यह हमसे हमको ज्यादा जानते हैं।
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