QUOTES ON #DESHBACHAO

#deshbachao quotes

Trending | Latest
22 SEP 2020 AT 16:44

उड़ता उड़ता धुँआ सा दिख रहा है,
एक चिंगारी से पूरा शहर जलता दिख रहा है !

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14 JAN 2021 AT 17:39

उत्तरायण भी हो गया
पर देश बैठा है अभी भी अपने उत्तर की प्रतीक्षा में

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26 JAN 2019 AT 12:48

ये दिखावे की प्रवृत्ति,

और ये एक दिन की देशभक्ति।।

#zamanazaali

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25 SEP 2020 AT 17:58

भटकते राहों में समाज चलता दिख रहा है,
हर सवेरे उगता सूरज ढलता दिख रहा है...

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28 MAY 2020 AT 11:52

चल रे मन प्रात की भोर में, बढती अराजकता नैतिक पतन के दौर में। सिसक्ती है सांसे घुटता है दम, गुम है बुनियादी मद्दे फ़िज़ूल नारों के शोर में।

भ्रष्टाचारी नेता अपने स्वार्थ के लिए देश को बांट रहे है।धर्म और जाती के नाम पर भाई ही भाई का गला काट रहे है। सुरक्षित नही है बेटियाँ अपने ही देश में। छिपे बैठे है दरिंदे रिश्तेदारो के भेष में।

इस देश की है बीमारी, ये मूल्यों के व्यापारी। देश को बेचने चले है ये कुर्सी के अधिकारी। देश पर आई है मुश्किल भारी, ना जाने कब जागेंगे लोग और युवा समझेगा अपनी जिमेदारी।


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16 APR 2020 AT 12:04

दूसरों को चुग चुग कर खाने वाले
गिद्धों की ही फौज बड़ी होती है !
सच्चाई और अच्छाई तो हमेशा
अकेले ही खड़ी होती है ....!


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7 JUN 2020 AT 1:16

क्यों होते हो हैरान?
सुनकर ये खबर कोई कल की।
क्यों बनते यूँ तुम अंजान इतने?
देखकर ये हैवानियत ,
क्या और चाहते हो बताना,,,
बड़े सभ्य देश के निवासी हो तुम।
पहले जहाँ खुद बनते हो ,पात्र विश्वास के।
फिर खुद ही छुरा घोपते हो।
वाह! कितनी मासूमियत से तुम
उन सच्चे दिलों की शराफत से खेलते हो,,
अरे हाँ ,दिखाबे की जहाँ कोई सीमा ही नहीं ।
ये तो वो देश है ?
या यूँ कहूँ मैं तो गलत नहीं ,,
असभ्यता से भरे हुए लोगों का ये देश,,
दुनिया के हर सम्मान को पाकर भी हुआ आज अपमानित है।
हाँ मत हो हैरान अब इस बर्बरता से।
जिन्हें अफसोस नहीं तनिक ,
करकर कलंकित मातृभूमि को तक।
क्या ही वो समझेगे भाषा प्रेम की कभी कोई।।

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23 FEB 2020 AT 0:08

हमारी रगों में आज भी ,
अपने पुरखों का खून बहता है,
देश भक्ति विरासत में मिली है हमें,
अपने पुरखों की इज्जत रखना ,
हमारा फर्ज बनता है




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27 OCT 2021 AT 20:40

जमाना बदल चुका है बाबुजी
क्रोध पर रखो बस काबु जी

मीले यहा न अब मजुरी
मीलते रहना बस जरुरी

सन छिह्त्तर की बात पुरानी
समय के चढी सोलह पे जवानी

बच्चे बीवी सब भाग जायेंगे
नही जो मुह से फुल बिखरायेंगे

न ही जबान मेरी कतरी जैसी
जो न बोलु तो बस बकरी जैसी

तीन पहीये की ये तेरी सरकार
इक की जीत पर दुजे की हार।।

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8 MAY 2021 AT 9:31

आओ बच्चों तुम्हे सुनाए कहानी एक बेईमान की धीरे-धीरे बेच रहा वो संपत्ति भारत की।

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