तुम्हीं अधूरापन हो मेरा, मेरे हर पल में शामिल भी तुम
तुम्हीं मेरी खामोशी में हो, तुम्हीं हो हर शब्द में शामिल
तुम्हीं उदासी का कारण मेरे, तुम्हीं वजह मदहोशी की
तुम्हीं अकेलेपन में हो, और भरी महफिल में शामिल
तुम्हीं से मेरे सारे शिकवे, तुम्ही से शिकायतें है
बात शुरू तुमसे ही सारी, खत्म भी होनी तुम्हीं पे है
तुम्हीं से नफरत मेरी ,प्यार भी सारा तुम्हीं से है
हरपल कि खुशी तुमसे, तुम्ही से सारे दुख है
कुछ से लेकर सबकुछ तक, मेरा सब तुम्हीं से है ।।
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