तुम लाल तो मैं सफेद रंग थी, बस मेरी इतनी सी ही भूल थी, तुमसे मिलकर मैं भी लाल हो गई थी, तुम तो अपना रंग लिए चले गए, और मैं तुम्हारे रंग में रंगी लाल ही रह गयी, शायद यही प्यार की मेरी भूल थी।
चढ़ा गया तेरे इश्क का रंग इतना गहरा तेरी निगाहों का हो गया मेरे दिल पर पहरा सारे रंग फीके हो गए तेरे प्यार भरे रंग से हो गया खुशी से गुलाबी मेरा चेहरा Mah....