अब वो शक्स जिसको दी थी पहचान कभी,
न जाने कहां चला गया वो वक्त,
जब हम थे पहचान उसकी,
आज देखता तक नहीं वो हमें,
जो बिना हमारे सोता ना था,
पूछता तक नहीं अब वो हम से हमारी
इच्छा,जिसकी हर इच्छा हम से थी,
लगता ही नहीं है ये वो ही,
जिसको दी थी पहचान कभी,
पहचान में नहीं आता अब वो।।
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