QUOTES ON #BHAWSAR

#bhawsar quotes

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दुष्ट दलों की दानवता जब,
भारत भू पर डोली है
कवियों ने तब उठा लेखनी,
असि की भाषा बोली है

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इंच इंच, टुकडों टुकडों में बँट गया

जिसको जब जरूरत लगी,
मैं शीशम सा कट गया

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गुमटी अब भी महक रही है चाय की खुश्बू से,

मगर........

अब वहाँ यारों की महफ़िलें नहीं सजती


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स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

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जितने आंसू बहने के थे, बहा दिए सारे मैंने
शेरों को गीदड़ के आगे, लगता हैं हारे मैंने

राखी की थाली भी कहती, देखेगी अब राह नहीं
करवा-चौथ मनाने वाली, मन में बसती चाह नहीं

बासंती मधुमास कहेगा, दिखता अब वो प्यार नहीं
यहाँ मनेगा रंग-बिरंगा होली का त्यौहार नहीं

दीपों की लड़ियाँ भी अब तो, कभी नहीं जल पायेगी
कोयल मीठे स्वर में अब तो, गीत नहीं फिर गायेगी

सावन के इन झूलों को भी, कौन यहाँ पर झूलेगा
सीमा पर बलिदान दिया है, कौन यहाँ पर भूलेगा

तेरी खून सनी वर्दी को, कोई नहीं अब धोएगा
मैंने मन को समझाया है, कभी नहीं अब रोएगा

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केसर की क्यारी को आओं, फिर से हम रोशन कर दें
आतंकी मंसूबों को मिलकर, घाटी में दफन कर दें
काश्मीर है मस्तक अपना, उसको कटवा दें कैसे
लालचौक भी बुला रहा है, आओं जन गण मन कर दें


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कलम जब भी उठाता हूँ...
........नज़र आँसू बहाती है

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शुगर कर रही है तबीयत ख़राब
बेवजह बदनाम हो रही है शराब


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आओं,

फिर से कैद कर लें उन हसीन लम्हों को....


साथ जो कभी हमने गुज़ारे थे




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कोई ठौर नहीं होता, कोई ठिकाना नहीं होता
बीती यादों के सिवा, कोई खज़ाना नहीं होता
मत पूछों मुझसे मेरे, घर का पता ऐ दोस्तों
खानाबदोशों का कोई आश़ियाना नहीं होता

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