जिसे कोई सुन ना सका उस खामोशी की आवाज हूं मैं, मानो या ना मानो, पर अपने आप में एक राज हूं मैं तेज बारिश हो या हो तूफान, फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हौसलों से उड़ान भरने वाला बाज़ हूं मैं
वो ज़िन्दगी की मेहक फूल गुलाब सी... वो धीरज की शिक्षा तालाब सी, वो चांद की खूबसूरती कमाल सी... वो पेड़ की छाया बेमिसाल सी, वो आसमा चीरने की हिम्मत बाज़ सी.. वो मधुरता कोयल की आवाज़ सी, प्रकृति कहती है बहुत कुछ सुन तो सही... बचाने का कर संकल्प इसे और उज्वल भविष्य बुन तो सही..!!