Ragini Mishra 24 DEC 2017 AT 11:47 यू तो चले थे ख्वाबों का आशियाना सजाने को और एक दिन मिल गया हमें आँसू बहाने को - Dard e Tanhai 24 DEC 2017 AT 12:37 जाने क्यों क़ुबूल नहीं थी मेरी मोहब्बत ज़माने को,सब एक साथ आए थे, मेरा आशियां जलाने को। -