हर पल घटता झीना झरना सम, जीवन जल है,
रह रह रूमानी अनामिका हृदय विकल विह्लल है,
सरल सोम्य सहज सजग सतपथ लो अपना,
सत्य सद्भाव से सदा संवरता सफल सुफल है!
उन्मत्त ऊर्जस्वित ऊर्जा उर, उम्र कुछ पल है,
क्यों रक्तचाप रक्तधमनियां रहती प्रबल हैं!
क्षमा क्षय क्षरण क्षितिज, विकट विकल है,
हर्ष हार्दिक, हंसी से हद हासिल हर हल है!
आदम अदम अद्भुत अनामिका आम आदमी,
हृदय हिय हित स्थित स्नेह अचल अटल है!
प्रेममय पाश पुष्प पलाश नीलम हृदय तल है,
नदी नहर नर्मदा निर्मल निश्चित निश्च्छल है!
वाह विकल विशाल वह विरह वेदना से विमल है,
प्रिय प्रेयसी प्रेषित प्रीत प्रेम अति विशिष्ट पल है!
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