Dr. Shruti Verma 19 DEC 2017 AT 22:48 मेरा बुना वो पहला स्वेटर, जो छोटा पड़ गया था तुम्हें,कभी उसको अपने से लिपटा कर सोना।इश़्क की गर्मी बेरहम ठंड का एहसास भी नहीं होने देगी!!! - Dr. Shruti Verma 24 MAY 2018 AT 23:02 इक़रार को ज़रूरत कहाँ होती है लफ़्ज़ों के मकां की,उसके लिए तो बस झुकी पलकों की छांव ही काफी है। - Dr. Shruti Verma 8 MAY 2019 AT 18:46 तेरी मुस्कान को पी जाना चाहती हूँ,दुख़ की गर्मी में उसकी तासीर ही ठंडी लगती है! - Dr. Shruti Verma 25 APR 2018 AT 23:38 वो छतों का प्यार ही तो था,जिसे धूप की तपन भी चांदनी सी ठंडक देती थी। - Dr. Shruti Verma 31 MAY 2018 AT 0:03 रात की चुप्पी में दिल का शोर,गरजते बादलों की तरह,अश्कों की बारिश का आगाज़ करता है। - Dr. Shruti Verma 3 FEB 2018 AT 22:12 Even today, television shows,What’s supposed to be red as blue.They don’t know for the fact that,Not the process but their mentality is a taboo. - Dr. Shruti Verma 27 JUN 2018 AT 20:27 I don’t want to be the lone queen of your lavish brick and mortar,Just give me a permanent corner in your musing manor and let our love be my harbour! - Dr. Shruti Verma 3 AUG 2018 AT 13:50 ज़िंदगी की असलीयत तब समझ आई,जब मेरा बेलगाम मन मुझको ही,मन-मर्ज़ी की अर्ज़ी देने लगा! - Dr. Shruti Verma 9 MAY 2018 AT 20:33 अपने आँसुओं को कभी पीना मत,वो अंदर उबल-उबल कर बस चिढ़ और नफ़रत की खार छोड़ जाते हैं। - Dr. Shruti Verma 18 MAY 2020 AT 7:36 सूरज भी आज बादलों का कम्बल नहीं हटा रहा अपनी अलसाई आँखों से,आज माँ को भी सुबह थोड़ी देर और सोते देखा। -