गुलालो के गुलाल
ओ मेरे रंग लाल
मन मोहे मेरा तेरी
भीगी चुनर और चाल-
इस साल भी उनकी यादों के गुलाल को,
हाथों में लीए बैठे रहे इन्तजारमें...!!!-
पहली होली पर मायके रहने की प्रथा जरूर ही किसी ब्रम्हचारी व्यक्ति ने ही बनाई होगी।शादी के बाद पहली होली पर मायके आना अच्छा नही लग रहा था पर जाना तो था ही।भाई लेने आया था,बेमन से कपड़े रख ही लिए थे।
अच्छा सुनिए आप नही आ सकते क्या होली पर?
शायद ही छुट्टी मिले।कोशिश करूंगा निकल पाया तो बताऊंगा।तुम बहुत मजे करना।बहुत दिनों बाद मायके जा रही हो वो भी इतने दिनों के लिए।
आपको याद नही आएगी मेरी?
नही।याद क्यों आएगी? फोन है ना।जब भी याद आएगी फ़ोन कर लूंगा।
हाँ-हाँ आपको क्यों याद आएगी।रहने दीजिए,मुझे बात ही नही करनी आपसे।
अरे सुनो न,नाराज होकर जाओगी क्या?
हुह कहते हुए मैं निकल आई थी कमरे से।
मायके में दिन बीत जाना बहुत आम है।सुबह से शाम और शाम से फिर सुबह कब होती समझ ही नही आता।आखिर होलिका दहन की रात भी आ गई।हम सब मोह्हले के लोग दहन स्थान पर पहुच गए।फोन हाथ मे था और होली जलते ही सबसे पहला फोन इन्हें ही किया।हैप्पी होली। आपको भी जानेमन।
रहने दीजिए याद तो करते नही,हैप्पी होली जानेमन।अरे बाबा अब भी लड़ना है?
आप कँहा हैं?बहुत शोर फोन कट चुका था बहुत मिलाया पर नही लगा।रात कुछ रोते ही कटी।
फोन क्यों कट किया बात क्यों नही की?सोचते सोचते कब नींद लगी पता नही।सुबह किसी ने बड़े प्यार से गालो पर गुलाल लगाते हुए कहा हैप्पी होली जान। आप।
पहली होली का पहला सरप्राइज़।
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होरी अाई है सखी, उड़े अबीर गुलाल,
आ रंग दूं तेरी चूनर, रंग दूं गोरे गाल।
रंग प्यार का डालू तुझपे, भरके मैं पिचकार,
बदन पर मल अबीर मैं, तुझे कर दूं बेकरार।
तन मन पे अपने प्यार का, मैं कर दूं जादू ऐसा,
रंग चढ़ा गोरी राधे पर, जो श्याम नाम का जैसा।
मल मलकर तेरे बदन को, मैं खेलू तुझसे आज,
आ जा तू बाहों में मेरी, छोड़ शर्म और लाज।
मैं बन कर बहार बसंत की, कली से कर दूं फूल,
होली की मस्ती में खोकर, तू कर ले मीठी भूल।
तेरी महक से महके तनमन, मदहोशी तेरे संग,
तेरे बदन में 'जीत' निकेतन, 'जीत' तेरे अंग अंग।-
जला के द्वेष अंतस् का मनाओ होलिकोत्सव
हटा अस्पृश्यता मन का मनाओ होलिकोत्सव
धनुषी इंद्र के रंग में तुम रंग दो ये जगत सारा
लगा कर के गले सबको मनाओ होलिकोत्सव-
प्रीत से अपनी मुझे कुछ इस क़दर रंग दे...ओ मोरे रंगरेज़ पिया...
हांँ छोड़े से ना छुड़ाए रंग हो ऐसा,जिसके बिना ना मैं मरूं और ना जाए जीया...-
यू न देखों मेरे चेहरे को हँस कर आज
तुम्हारा ही लगाया रंग है
जो आसानी से नही उतरेगा !!😂😍
"मेरे शब्द"✏🙏
दीपा कांडपाल😊🌹-
थोड़ा हस लो गा लो तुम भी
बैठे हो उदास
मुँह फुलाए रहते हो, हम
कैसे खेलें फाग
जोगीरा सा रा रा रा रा
😂😂-