आर्यभट्ट के शून्य खोज का नतीजा भुगता हूँ मैं,
प्यार के हक में मुझको शून्य कह के छाँटा गया!
वात्स्यायन के काम, मेरे काम में हुआ भेदभाव,
उसके काम को कहा कला, पर मुझे डाँटा गया!
एक जायज शिकायत है मेरे और विंची के बीच,
मोनालिसा अमर, पर मेरी को कम आँका गया!
गैलीलियो और मैने तलाशा ग्रहों को आसमाँ में,
पर मेरे चाँद को दरकिनार कर मुझे हाँका गया!
दशरथ माँझी और मेरा जुनून था करीबन एकसा,
उसने बना दिया रास्ता मुझसे पहाड़ बाँटा न गया!
मुझ में और सुकरात में, बस फ़र्क इतना ही रहा,
पी गया वो जह्र पर मुझ से न विष फाँका गया!
सबने माना "राज" फक्कड़ और है कुछ बदजुबाँ _राज सोनी
पर खरा उतरा है जब भी परखा और जाँचा गया!-
मैं...
उसके आधे अधूरे
सपनों को
अपनी फ़टी हुई
जेब में
रखकर
निकल जाता हूँ
हर सुबह
दफ्तर के लिए
वो...
मेरी धुंधली सी एक
तस्वीर को
अपने बरसों पुराने पर्स में
सहेज कर
खुद को
दौलतमंद
कहती है........-
...इस तरह पुरुष ने
स्वयं को समझा एक पूर्ण वाक्य
और स्त्री उसमें पूर्ति हेतु रिक्त स्थान
जो समय-समय पर बदली जाती रही.-
प्रेम के मधुर गायन में हम
कोई स्वर सुरीला हो जाये .....
शेष अनुशीर्षक में ........
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प्यार के गर्भ में पलता समर्पण
जिससे जन्म होता है
विश्वास का और
बनते है रिश्ते
उम्र भर के
जो जुड़ते
है एक सच्ची
डोरी से और होता है
पूरा ये बागवान फिर होता है
मिलन दो आत्माओं का जिससे
खिलती हैं नयी कोपलें और बन जाता है पूरा संसार
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"प्रेम".....
मिथ्यारहित "प्रेम" का अस्तित्व निर्भर है
और वर्तमान में सम्मिलित है.....,,
दो दैवीय आत्माओं का मिलन ,
अंतःकरण का निश्छल रिश्ता ,
पुष्प रूपी कोमल भावों का
प्रेमी के चरणों पर निश्वार्थ अर्पण ,
मन का साम्य दर्पण ,
अहम्, छल, कपट और ,
मिथ्या का तर्पण ,
हृदय का निरपेक्ष और अथाह समर्पण ,,,
"
"
इन सब के साथ अंत में
विरह की वेदना।।-
रंग में तेरे रंग के निश्छल प्रेम की डोर मजबूत़ हुईं राधे
जग़ में यूं विश्वास और समर्पण की प्रीत मशहूऱ हुईं राधे........
जय श्री राधे कृष्णा ❣️🌹💖🌹
आप सभी को कृष्णजन्माष्टमी पर्व की बहुत-बहुत ढ़ेर सारी 🤷🏽♀️ 🤷🏽♀️ 🤷🏽♀️ 🤷🏽♀️ 🤷🏽♀️ 🤷🏽♀️ हार्दिक शुभकामनाएं 🏵️❣️🏵️❣️🏵️🌹🙏🌹🏵️❣️🏵️❣️🏵️
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🏵️🏵️🙏जय श्री राधे कृष्णा 🙏🏵️🏵️-
प्रेम करने और प्रेम देने दोनो में अंतर है।
प्रेम करने में पाने का भाव होता है और प्रेम देने में समर्पण का भाव। प्रेम करना आसान है पर प्रेम देने के लिए अपने अस्तित्व को सर्वस्व में विलीन करना होता है।-