QUOTES ON #कोशिश_करने_वालों_की_कभी_हार_नहीं

#कोशिश_करने_वालों_की_कभी_हार_नहीं quotes

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असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो...।।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम...।।
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती...।।

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती...।।

By:- हरिवंश राय बच्चन जी🙏✍️🙇🌹

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मुश्किल कुछ भी नहीं,
तुम हिम्मत करके तो देखो...

हर ख्वाब हकीकत बनेगा,
तुम कोशिश करके तो देखो...

#कोशिश_करो_मंज़िल_ज़रूर_मिलेगी🤗💛

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7 JUN 2020 AT 2:25

जो तु चाहता है वो मंजर भी आयेगा
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा
रख हौसला दुनिया जीतने का ये मेरे दोस्त
क्या पता के.. तेरे हौसले और कोशिशों के कारण
एक दिन तु सिंकदर भी बन जायेगा
DAD_PATIL ❤

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17 SEP 2018 AT 8:50

Ye jindagi hai dost muskile keha kam hongi.kahi khusiya to kahi gam hogi.badi adiya aur tufan dekhe hai muhabbat ki raho me. Ek tera sath hai to jahanum bhi jannat hogi.

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16 MAY 2020 AT 1:53

ये मेरे दोस्त.... एकतरफ़ा मोहब्बत में
तुम अपना वक्त कभी जाया ना करना
पट जायेंगी एक दिन दुसरी कोई और
बस तुम थोड़ा जोर लगाकर कोशिश करना
DAD_PATIL ❤

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12 MAY 2020 AT 18:06

किस्मत की तो बात निराली होती है,
जिन्दगी उम्मीद पर बितानी होती है ,,
मंजिल पाने को अपने दिल के अन्दर ,
कोशिश की इक आग जलानी होती है ।

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12 DEC 2020 AT 16:58

कुछ नया हर पल करने की !
मन में उमंग और तरंग ,
जीवन में सबके सदा भरने की !
हर्ष और उल्लास से अब तो है ,
जरूरत आलस्य को भी डरने की !
आशा की किरण और उम्मीद से है ,
आवश्यकता जीवन की विकट ,
परिस्थितियों को भी हरने की !

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9 JUL 2019 AT 11:42

शायरों की ज़मात में
शामिल होने की कोशिश करता हूँ मैं,
तुम जैसा हूँ तो नही, मगर
तुम जैसा होने की कोशिश करता हूँ मैं,
अलग थे रास्ते तो मंज़िल भी जुदा रही होगी
नए एहतराम बुलन्द करने की कोशिश करता हूँ मैं,
तुम धकेलने की साज़िश करते रहो अंधेरो में मुझें
मर सकता हूँ मगर, लौट जाने के तो नाम से भी डरता हूँ मैं,
मेरी आने वाली नस्ल, शुक्रगुज़ार रहेगी मेरी
बस उसी मुकाम को हासिल करने की कोशिश करता हूँ मैं,
तुम क्या डराओगे नाकामयाबी के डर से मुझे
नींद में भी नाकाम होने के डर से डरता हूँ मैं,
शायरों की ज़मात में.....

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संभव की सीमा जानने
का केवल एक ही,
तरीका है,कि असंभव से
भी आगे निकल जाना,
क्योंकि
काेशिश की कलम जब,
काबिलियत की स्याही से
चलती है,ताे सफलता की,
कहानियाँ लिखी जाती है
मगर
काेशिश की कलम जब,
जुनून की स्याही से चलती है
ताे इतिहास लिखा जाता है..

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13 OCT 2019 AT 8:11

एक मंजिल रास्ते अनेक है ,
एक real बाकि सब fake है ।
कोशिश कर तू हर राह पर .....
मंजिल जरूर मिलेगी अगर तेरे इरादे नेक है ।

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