तेरे एहबाब, तेरे दोस्त, तेरे घरवाले एक दिन,
तुझको मिट्टी में मिला देंगे, तू समझता क्या है..!-
9 APR 2019 AT 15:22
26 APR 2020 AT 20:31
एहबाब तेरे सोहबत को मुकर्रर खोजते है हम,
एक इल्तिजा है तुझसे...की फ़िर लौट आ।
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29 MAY 2020 AT 12:16
'एहबाब' की तलाश में ये हाल हुआ मेरा,
दोस्तों को दुश्मनों में तलाशने लगा मैं!-