इश्क़ नहीं तू फ़रेब कर काफ़िरसुना है फ़रेब करने की कोई सज़ा नहीं होती - Swati_Gupta
इश्क़ नहीं तू फ़रेब कर काफ़िरसुना है फ़रेब करने की कोई सज़ा नहीं होती
- Swati_Gupta