अगर कोई पूछे मुझसे की सबसे डरावना क्या है
तो मैं कहूंगी खाली आंखें
वो आंखें जिनमें उम्मीदें दम तोड़ चुकी हो
ऐसी आंखों से मुझे बहोत डर लगता है
दिल की धड़कन मानो धीमी पड़ने लगती हैं
मुझे चमकती आंखें पसंद हैं
जिनमें भले ही कितने सपने टूटे हो
मगर वो उन्हें जोड़ कर खुश रहती हैं
बुनती रहती हैं नन्ही उम्मीदें
बूंद बूंद जमा करती रहती हैं साहस
ताकि उड़ेल सके उन्हें वक़्त आने पर
बस उन्ही से हौसला मिलता है सुनहरे कल का
वो कल जो बहोत दूर से देख रहा होता है हमें ...
- Swati_Gupta