Swati Gupta   (Swati_Gupta)
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Joined 30 January 2018


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14 JUL 2022 AT 22:42

समुद्र जब बिफरता है
तब ढेरों कीचड़ बाहर को
उड़ेल देता है
लेकिन मोती कभी नहीं देता
जो भी क़ीमती होता है
वो चलकर नहीं आता
उस तक स्वयं चलकर जाना पड़ता है.

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12 JUL 2022 AT 5:24

शौक़ से जीने का
शौक़ जो यहां रखते हैं
वो अपने आस पास
ख़्वाब कम ही रखते हैं
आईने भी वही खूबी दिखाते हैं
जिसे देखने की आप नज़र रखते हैं.

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11 JUL 2022 AT 4:47

औरत उससे कहीं ज़्यादा
मज़बूत होती है
जितना वो सोचती है
कि वो है.

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4 JUL 2022 AT 21:19

आरज़ू रही हमेशा
एक दफ़ा तुमको देखें
अब जो देखा तुम्हें
इसके बाद हम क्या देखें.


quotescafeteria | swati_gupta

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2 JUL 2022 AT 22:52

मेरे सामने चौड़ी सी टेबल के
उस ओर बैठी प्रोड्यूसर साहिबा को
मैंने अपनी लिखी कविता पढ़ कर सुनाई
सुनकर कुछ भावुक हो उठीं
फिर धीमे स्वर में बोली
अब तो दुनियां बदल रही है
लड़कियों पर पाबंदियां नहीं रही
उन्हें आगे बढ़ने और पढ़ने लिखने
की पूरी छूट है
हां बेशक उन्होंने मेरी और अपनी
दोनों की ओर इशारा किया
लेकिन अभी बहोत लंबी कतार
बाक़ी है
बाक़ी हैं कई अधूरे ख़्वाब पूरे होने को
बराबरी न्याय सब एक तरफ
क्या सब कुछ सामान्य हो सकता है
क्या हम औरत की आज़ादी और तरक़्क़ी को
उतनी ही सामान्य दृष्टि से देख पाते हैं
जितनी किसी पुरुष की
नहीं ना
अभी कुछ नहीं बदला.

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1 JUL 2022 AT 11:10

घर से चले जाओ तुम
घर तुमसे कहीं नहीं जाता
विस्तृत होकर भी
संक्षेप में सिमट जाता है.

quotescafetaria | swati_gupta

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30 JUN 2022 AT 20:54

जीवन के जो डर हैं
उनसे सामना होना निश्चित है

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25 JUN 2022 AT 20:31

जीवन का सबसे क्रूर
लेकिन सुंदर सच
एक ख़्वाब की कब्र पर
उगता है नया ख़्वाब.

quotescafetaria | swati_gupta

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19 JUN 2022 AT 9:21

प्रेम तर्क से दूर कर देता है
और तर्क प्रेम से.

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11 JUN 2022 AT 9:17

जोख़िम हमेशा निचले पायदान
पर रहता है
निचला तबका हो या निचला साहित्य.

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