नहीं संभाल पाए यार हम रिश्ते, जिंदगी, दोस्त कुछ भी नहीं सब कुछ अचानक से खत्म हुआ रास्ते तो दिख रहे थे लेकिन हौसले खत्म हो रहे सब धीरे धीरे पीछे छूट रहा है झूठी मुस्कानों के पीछे का दर्द पूंछने वाला अब कोई नहीं कोई नहीं है जो कंधे थाम के बोले चलो तुम हम तुम्हारे साथ खड़े है अब कोई पूंछता है हाल हमारे तो आदतन बोल देते हैं सब ठीक ठाक ही है।