28 MAR 2018 AT 11:01

आग के पास कभी तिनका लाकर तो देखूँ,
हो इजाजत तो कलम को हाथ लगा कर देखूँ,

किताब का हर पन्ना वीरान नजर आता है,
सोचता हूँ, शब्द को एहसास बना कर देखूँ I

- Sethji