आग के पास कभी तिनका लाकर तो देखूँ,हो इजाजत तो कलम को हाथ लगा कर देखूँ,किताब का हर पन्ना वीरान नजर आता है,सोचता हूँ, शब्द को एहसास बना कर देखूँ I - Sethji
आग के पास कभी तिनका लाकर तो देखूँ,हो इजाजत तो कलम को हाथ लगा कर देखूँ,किताब का हर पन्ना वीरान नजर आता है,सोचता हूँ, शब्द को एहसास बना कर देखूँ I
- Sethji