15 APR 2018 AT 14:13

प्यार की मुर्ती है वह, प्यारी सी परी है,
कितना भी उसे तड़पाओ, माफ कर देती है,
कितना भी उसपे जुल्म करो, हसके सह जाती है,
कितना भी रुलाओ उसे, सिने में दर्द छिपा लेती है,
पर अगर लाँघोगे तुम अपनी सिमा, तुम्हे बरबाद कर देगी वह,
आँधी है, तुफ़ान है, तुम्हे ध्वंश कर देगी वह,
मर्दानगी और ना दिखाओ, तुम्हारी अस्तित्व मिटा देगी वह,
आग है, अंगार है, तुम्हे राख़ कर देगी वह,
कमजो़र ना समझो उसे, वह दुर्गा माँ की रूप है,
अगर वह तांडव शुरू करे, तुम्हारा ध्वंश तय है।।

-