14 AUG 2018 AT 8:54

जब धूप आयी जिंदगी में हमारे,
तुम ही छाँव, तुम आसमान बन गए,
जब कोहारों सा अँधेरा छाया रास्तों में,
तुम जलके खुद मेरे लिए शमा बन गए,
जो थे लिखें कुछ ग़म किस्मत में हमारे,
वो भी तुम्हें पाकर यूँ खुशनुमा बन गए,
कैसें न चाहे तुम्हे खुदा से भी ज्यादा,
के हर रास्ते में तुम मेरे रहनुमा बन गए
- सुयोग पोतदार

- SuyogSays