बेहिसाब इश्क़ का भी हिसाब लोग रखते हैं अपना कहकर भी ना जाने क्यों इतना परखते हैं !- सुयोग पोतदार - SuyogSays
बेहिसाब इश्क़ का भी हिसाब लोग रखते हैं अपना कहकर भी ना जाने क्यों इतना परखते हैं !- सुयोग पोतदार
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