5 MAY 2018 AT 23:21

उम्मीदों से भरा समंदर है,
आशाओं से भरी एक नाव है,
तूफानों सी है मुश्किलें,
कांपते हुए ये पाँव है,
सिर पे बादलों की कोई,
ठंडी-ठंडी छाँव है,
चल रही हवाएँ बेगानी,
भर रहे ये घाव है,
जीतना और हारना तो किस्मत में है अपनी,
बस खेलते जाना हर दाव है...

- 📝Sundeep Raj💌™