Sumit Yadav   (SuMiT YaDaV)
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It's time to change everything
.......yaDaV #RuDRaN
Insta :- yadavrudran8
Joined 28 September 2019


It's time to change everything
.......yaDaV #RuDRaN
Insta :- yadavrudran8
Joined 28 September 2019
24 MAR AT 5:22

तेरी आंखे ..... देखो कोकीन सी लगती है
पहन के साड़ी तू जोहराजबीं सी लगती है
तू निकलती है जो खनकते है पैर के पायल
दीवाना कर दे ऐसी हसीन तू लगती है ।।

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8 FEB AT 13:57

इज्जत,इजाजत,जुनून ... और क्या चाहिए

मै जलु तुझे मिले सुकून ...और क्या चाहिए

मुकम्मल इश्क की ख्वाहिश में तप रहा था मै

तड़प कर हो जाऊं महरूम...और क्या चाहिए ।।

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7 FEB AT 22:37

उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा
उसे दे सुकून ,खुद धूप सा जलता रहा ।।

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5 FEB AT 2:20

मेरी निगाहे मुझसे ही तर्क वितर्क करता है

ना जाने क्यों अपनों पर ही शक करता है

तुम लाये हो हथियार तो लगा दो ठिकाने मुझे

मेरे न रहने से किसी को क्या फर्क पड़ता है ।।

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23 JAN AT 20:01

तू गुजरी सामने से मेरे
तुझे पाने की चाहत ..हां जी
तूने अपने बाल जो संवारे
देख मिला मुझे राहत...हां जी
हां ठहर गई तुझपे आंखे मेरी
तेरी नटखट अदाएं देख के
चंचल मन में आहट...हां जी ।।

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17 JAN AT 12:51

she --
जो खो जाऊं महा कुंभ में तो ढूंढ पाओगे क्या
ठहरो बताना जरा किसी और के हो जाओगे क्या
तुम जो रूठ गए हो मेरे खो जाने के बात से
बारह साल बाद फिर मुझे ढूंढने आओगे क्या
सुनो न इतना लंबा इंतजार कर पाओगे क्या ???
--???? यादव
He--
बिछड़ना ही क्यों भला ,महा कुंभ त्यौहार में
साथ आयेंगे हम दोनों बारह बारह साल में
लगी हाय किसी की,जो बिछड़ गए तुमसे
ढूंढते फिरंगे तुम्हे चैत,बैसाख ,आषाढ़ में।।
-Suमित यादव

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25 FEB 2024 AT 11:43

वट (वृक्ष) की खूबी सभी जानते है
फिर भी काटने से कहा मानते है
जन्म दिवस का जश्न जो करते
तो बेजुबानों को काट खाते है
वायु महत्वता से मुखातिब ये
फिर भी हमेशा गंदगी फैलाते है
अपने जिस्म को ठंडा करने को
पर्यावरण को ज्वलित कर जाते है
-Suमित यादव

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12 FEB 2024 AT 10:16

बेहतर के चक्कर में
बेहतरीन छोड़ देते है
और कहते फिरेंगे सबसे
लड़के अच्छे कहां होते है ।।

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6 FEB 2024 AT 11:09

मन के कोख में पल रहा एक ज्वलित डर
कामयाबी दस्तक देगी क्या इस दफा......??

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1 FEB 2024 AT 10:30

चले जाते है लोग लाख रोकने के बाद भी
जाते जाते सुख चैन भी ले जाते है
घाव भर जाते है जरूर ऊपरी परत के
पर अंदर अंदर वो नासूर बन जाते है ।।

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