बड़े शहरों के किनारे लहलहाती फसलों को देखकर मैं ये सोचकर ख़ुश हो जाता हूँ की तुम्हारे शहर में भी मेरा गाँव अभी जिंदा है.... - Sumit Ranjan Tripathi
बड़े शहरों के किनारे लहलहाती फसलों को देखकर मैं ये सोचकर ख़ुश हो जाता हूँ की तुम्हारे शहर में भी मेरा गाँव अभी जिंदा है....
- Sumit Ranjan Tripathi