Sumanya Sharma   (©सुमन्या 💕)
1.1k Followers · 96 Following

read more
Joined 15 September 2017


read more
Joined 15 September 2017
13 AUG 2018 AT 2:04

........सफर.....

अब मुझे पसंद नही है कहीं सफर पर जाना. . . .

इन तेज भागती गाड़ियों के भीतर बैठ तेज भागते नजारों को देख मेरे मन में एक टीस उठती है. . .
मुझे याद आने लगते हैं वो लोग जो मेरी जिंदगी में अचानक ही आ गये थे फिर लौट जाने के लिये. . .

खै़र वो आये तो अपनी मर्ज़ी से और गये भी अपनी ही मर्ज़ी से...
पर जाते-जाते ले गये अपने साथ मेरे जीवन का एक हिस्सा,
और छोड़ गये मेरे अस्तित्व पर अपने वजूद की एक अमिट छाप. .

जिन्हें चाह कर भी रोक ना पायी मैं . . .

बस बेबस बुत सी देखती रही अपने आँखों से ओझल होते हुए !!

-


9 AUG 2018 AT 0:44

जानां ,
हाँ! मैं जानती हूँ
तुम मौजूद नहीं हो आसपास मेरे
पर तुम्हारा न होना ही
तुमसे ज्यादा.. बहुत ज्यादा..तुम्हारा होना है !
मेरे रुखसार पे जो लिखीं थी ना
कुछ नज्में उस रोज , तुमने अपने लबों से,
अभी उन नज्मों को पढ़ा मैंने अपने बन्द आखों से . .
हाँ! जबकि तुम नहीं हो
तुम्हारी उँगलियों के लम्स से मेरे पेशानी पर लिखी
गजलें भी दोहरा लेती हूँ
बार-बार हर्फ-दर-हर्फ उतार लेती हूँ
मैं तुम्हें अपने ख्यालों में हूबहू जैसे तुम हो वैसे ही. . .
पर जाने क्यूँ पलकें बंद रहतीं हैं
मैं करती नहीं हूँ, कसम से !!!
ख़ुद-ब-ख़ुद हो जातीं हैं कमबख्त!
ठीक भी है शायद ..
तुम्हें महसूस करने के लिये
बन्द आँखों से बेहतर कुछ हो भी नहीं सकता शायद!

-


2 AUG 2020 AT 12:30

अच्छी दोस्ती होना आम सी बात हैं
अच्छे दोस्त मिलना बहुत खास बात

-


8 MAY 2020 AT 16:44

तुम्हारे साथ के सुगंध से
जब मेरा व्यथित मन
यकायक विश्राम पा लेता है
और मेरी विचलित सांसे
पुनः अपनी निर्धारित धुन में
चलने लगती हैं

तब मुझे समझ आता है
पीपल के पेड़ पे
वन लताओं का
एक दूसरे से उलझे उलझे
उग आने का रहस्य...

-


6 MAY 2020 AT 12:55

मन और मौन की बातें....

दुनियादारी से ऊबा चुका मन
बनाने लगता हैं अपनी ही दुनिया
उसे आता नहीं हुनर
दुनिया के बनाये पथ पे चलने का
वो चुन लेता अपने लिए अलग राह
उस पे चल कभी तो वो पा लेता है मंजिल.....

और कभी ...कभी फँस जाता किसी मोड़ , किसी मझधार में
हो जाता जब वो व्याकुल, बेसुध और हताश
ले लेता है कुछ पल का विश्राम...

फिर होता है एक बडा़ कमाल
मौनता का जादू आता है
बनकर साहस उसके पास
मन बैठ जाता खंगालने
मन की बात मौन के साथ
और अंत में मौन संवाद के
मन में होता एक आवश्यक शंखनाद...
मन कर लेता निश्चय करेगा पुनः नयी शुरूआत
और मौन की अगुवाई में
मन चलता अपने पथ पे
और पा लेता है सुख सम्राज्य......

-


6 APR 2020 AT 21:39

कभी किसी की कोई बात में ,
किसी दिलकश हँसी या आवाज़ में ,
अचानक से झलक आता है कोई मीठा सा दर्द ...

कभी सबसे पसंदीदा रह चुका रंग अब पहना नहीं जाता

कभी किसी गीत के बोल बेचैन कर उठते है

बरसों पहले हटायी कोई तस्वीर आज भी कील से लटकती नजर आती है

फटी पुरानी चिठ्ठी के मिट चुके शब्द भी फिर से उभर कर दिखने लगते हैं

कभी "ख़ुद की कलाई" के कटे निशान अपनी ही आँखो में गड़ने लगते हैं

कभी कोई दुआ करते वक़्त मन के बिलखते आँसू बद्दुआ बन बहने लगते है

उदास मन कभी खाली नहीं बैठता
वो ढूँढता रहता है किसी ना किसी दुःख का पता ...

-


3 APR 2020 AT 18:40

अब वैसी बात नहीं होती...

हजारों दफा मिलने पर भी
एक मुकम्मल मुलाकात नहीं होती

जो एक बार छूट जाता है
वो बार बार छूटता रहता है...

एक बीत चुका रिश्ता और दो टूटे लोग
एक साथ बस झूठे ठहाके लगा सकते हैं

उनके बीच अब वो पुरानी सी हंसी दोबारा नहीं आ पाती....

-


18 OCT 2019 AT 19:19

तुम्हारा होना ऐसा है जैसे
किसी बड़े से कमरे के बीचों बीच
अंधेरो को काटता खड़ा हो कोई प्रकाशस्तंभ

तुम्हारे लिए अलग ही है मेरी प्रेम की परिकल्पना
मैं चाहती हूँ कि कुछ यूँ भर लूं तुम्हे आंचल में कि
छू ना पायें कोई अप्रसन्नता की तपती किरण

फिर गहन रात्रि विदा करूँ तुम्हें
तुम्हारे मन पसंद चाँद के साथ
जो और दमकाये तुम्हारे अस्तित्व को और
भेजता रहे मुझे तुम्हारे सकुशलता के प्रेम संदेश ।

-


16 OCT 2019 AT 20:30

'प्रेम' पर लिखी कविता पढ़ते हुए,
मुझे आता है तुम्हारा ख़्याल ...

और सोचती हूँ अक्सर...
तुम किसे सोचते होगे...प्रेम पढ़ते हुए....

जब उलझा देती होगी कोई प्रेम कविता तुम्हें ,
तुम सोचते होगे अपनी किस प्रेमिका के बारे में...

किसी प्रेम कविता में जब लिया जाता होगा ,
दूर शहर में रहने वाली प्रेमिका का नाम ...
क्या तब भी एकाएक नहीं आ जाती हैं तुम्हें मेरी याद?

या फिर भूल जाना कुछ ज्यादा ही आसान रहा मुझे ।

-


12 OCT 2019 AT 20:47

दूर जाना कभी सुखद नहीं होता ...
आप किसी से दूर होते वक़्त बस तभी खुश हो सकते हैं ,
जब आपको पूर्णतः यकीन हो उनके लौट आने का ....

सूरज का डूबना भी हमें इसलिये खूबसूरत लगता है
क्योंकि निश्चित होता है अगली सुबह उसका लौट आना

वरना....... अस्त होते सूरज को देखना तो
इस संसार के सबसे दुःखद क्षणों में से एक होता ना....

-


Fetching Sumanya Sharma Quotes