रोज रात को मुझसे मिलने वो आती हैं
अपने खुशबू से वो मेरे घर को महकाती हैं
उसके आते ही हम तरोताजा हो जाते हैं
अक्सर उसकी खुशबू में खो कर हम सो जाते हैं
सुबह उठते ही हम जब उससे मिलने जाते हैं
उसको मुरझाया देख हम सोच में पर जाते हैं
वो रात को ही क्यो आती हैं
इतनी प्यारी खुशबू हैं जिसकी वो दिन में क्यो खो जाती हैं
वो कोइ और नहीं..
मेरे खिड़की के बाहर लगी "रात रानी" हैं
- immature.writer__