मेरा किसी का इंतज़ार करने में और किसी का मेरे लिए इंतेज़ार करने में बस फर्क इतना है कि मैं इंतेज़ार कर लेता हूँ । -
मेरा किसी का इंतज़ार करने में और किसी का मेरे लिए इंतेज़ार करने में बस फर्क इतना है कि मैं इंतेज़ार कर लेता हूँ ।
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जितना तुम चाहो उससे कई ज्यादा तुमसे इश्क़ निभाउंगाबदले में बस एक वादा करो की तुम भी इश्क़ निभाओगी । -
जितना तुम चाहो उससे कई ज्यादा तुमसे इश्क़ निभाउंगाबदले में बस एक वादा करो की तुम भी इश्क़ निभाओगी ।
तुमसे दूर रहकर फिर तुमसे दूर नही जाना हैवक़्त जितना लगे लेकिन तुमसे दूर नही जाना हैमुझसे तम्हारा रिश्ता बस एक उम्र भर का हैबस एक उम्र भर से दूर, तुमसे दूर नही जाना है । -
तुमसे दूर रहकर फिर तुमसे दूर नही जाना हैवक़्त जितना लगे लेकिन तुमसे दूर नही जाना हैमुझसे तम्हारा रिश्ता बस एक उम्र भर का हैबस एक उम्र भर से दूर, तुमसे दूर नही जाना है ।
अपने गम को कभी "तस्वीर" मत करोलोग देखेंगे और फिर "अंदाज़ा" लगाएंगे -
अपने गम को कभी "तस्वीर" मत करोलोग देखेंगे और फिर "अंदाज़ा" लगाएंगे
अभी थोड़ा सोकर उठेगा सवेरारात सोने के लिए है, सो जाओ -
अभी थोड़ा सोकर उठेगा सवेरारात सोने के लिए है, सो जाओ
लोगो ने बड़े दिल से कही प्यार मोहब्बत की बातें चाँद परमैने कहा चाँद को खोद कर देखो शायद पत्थर निकले । -
लोगो ने बड़े दिल से कही प्यार मोहब्बत की बातें चाँद परमैने कहा चाँद को खोद कर देखो शायद पत्थर निकले ।
बहुत दिन हुए अब फुरसत केकी हमने फुर्सत से शराब नही पी,खुल गए हैं यारों मयखाने मगर,घर पर हमने चाय पी शराब नही पी । -
बहुत दिन हुए अब फुरसत केकी हमने फुर्सत से शराब नही पी,खुल गए हैं यारों मयखाने मगर,घर पर हमने चाय पी शराब नही पी ।
दुनिया समझे न शामिल जिसेहम हैं उस जात के आवारा -
दुनिया समझे न शामिल जिसेहम हैं उस जात के आवारा
ज़माना लगाता है इल्जामऔर हमे मालूम नही खता कहां हुईमैंने बोला था बिकते हो सब कौड़ियों के दाम,मुझे मालूम नही ख़ता कहाँ हुई -
ज़माना लगाता है इल्जामऔर हमे मालूम नही खता कहां हुईमैंने बोला था बिकते हो सब कौड़ियों के दाम,मुझे मालूम नही ख़ता कहाँ हुई
बड़े शहरों में लगते है अक्सर छोटी गलती के इल्ज़ामसर पे छत नही मगर घर से चावल चुराने के इल्ज़ाम। -
बड़े शहरों में लगते है अक्सर छोटी गलती के इल्ज़ामसर पे छत नही मगर घर से चावल चुराने के इल्ज़ाम।