आज-कल वक़्त भी बेवक़्त खुदको बर्बाद करता है ।ख्वाबों से नहीं ये रातों को तेरी यादों से बर्बाद करता है ।। - Subhasish Pradhan
आज-कल वक़्त भी बेवक़्त खुदको बर्बाद करता है ।ख्वाबों से नहीं ये रातों को तेरी यादों से बर्बाद करता है ।।
- Subhasish Pradhan