मुहब्बत को अपने दफ़नाने घुमता रहा मैं,कोई बता ना सका सुकूँ-ए-कब्र-ए-मुहब्बत है कहाँ | - ©SUBHAM AGARWAL
मुहब्बत को अपने दफ़नाने घुमता रहा मैं,कोई बता ना सका सुकूँ-ए-कब्र-ए-मुहब्बत है कहाँ |
- ©SUBHAM AGARWAL