जिसमें सुबह उठते ही अदरक वाली चाय की खुश्बू थी जिसमें मेरे सर पर महसूस करने के लिए उसके हाथों का नर्म स्पर्श था जिसमें बनता था मेरा मनपसंद खाना जिसमें पुकारती थी वो मुझे, उसके दिए अनेक प्यार भरे नामों से — % &के इक मां वाला घर हो,
जिसमें मुझे अपने जन्मदिन का इंतजार रहता था जहां हम साथ टीवी के सामने बैठते थे जहां मैं बच्चों की तरह रो सकूं जहां मैं दुनिया से थक भी जाऊं तो तुम्हारी गोद में सर रख सकूं