10 DEC 2017 AT 16:10

गहरा था मोहब्बत का समंदर क्या करती
अकेले जाती तो डूबना जायज़ था
सो दरिया पर ही हमसफर को तलाशती रही
और धीरे धीरे साहिल में ही धस सी गई

- क़तरा